दलौदा-ढोढर के बीच नवनिर्मित रेल खंड का रेलवे संरक्षा आयुक्त ने किया निरीक्षण, ट्रेन संचालन की दी अनुमति
-नीमच–रतलाम रेल दोहरीकरण परियोजना का 71 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण

✍सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम ।
पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के अंतर्गत नीमच से रतलाम तक लगभग 130 किलोमीटर लंबे रेल खंड के दोहरीकरण का कार्य तेजगति से किया जा रहा है। इसके तहत गुरुवार को रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पश्चिम परिमंडल ई. श्रीनिवास ने दलौदा से ढोढर के बीच नवनिर्मित दोहरीकृत रेल खंड का निरीक्षण किया। इसके साथ ट्रैक पर ट्रेन की गति का परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया गया।
निरीक्षण के दौरान रेलवे संरक्षा आयुक्त श्रीनिवास ने नवनिर्मित रेल लाइन के अंतर्गत बनाए गए ब्रिजों, ओएचई, रेलवे ट्रैक, सिग्नलिंग प्रणाली एवं अन्य संरक्षा पहलुओं का विस्तारपूर्वक मूल्यांकन किया। इसके बाद निरीक्षण यान के माध्यम से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रैक की गुणवत्ता का परीक्षण भी किया गया, जिसे संतोषजनक पाए जाने पर ट्रेन परिचालन की अनुमति प्रदान की गई। इस निरीक्षण के साथ ही दलौदा–ढोढर के बीच लगभग 21 किमी लंबे दोहरीकृत खंड को संचालन के लिए अधिकृत कर दिया गया है। अब तक नीमच–रतलाम परियोजना के कुल 133 किमी में से लगभग 95 किलोमीटर खंड पर दोहरीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जो कुल प्रगति का 71 प्रतिशत से अधिक है। शेष मल्हारगढ़–दलौदा खंड (लगभग 38 किमी) पर कार्य तेजी से जारी है और इसे भी शीघ्र ही पूर्ण कर परिचालन के लिए खोल दिया जाएगा।
ट्रेनों का संचालन सुगम होगा
रतलाम रेल मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि नीमच–रतलाम खंड के दोहरीकरण के पूर्ण होते ही रतलाम से चित्तौड़गढ़ तक की रेललाइन पूरी तरह दोहरीकृत हो जाएगी। इससे न केवल इस खंड की सेक्शन कैपेसिटी में वृद्धि होगी, बल्कि इस क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों जैसे सीमेंट और जिंक की मालगाड़ियों का संचालन भी सुगम होगा। साथ ही, ट्रेनों के पासिंग में लगने वाला समय घटेगा और यात्रीगण अपने गंतव्य तक अधिक तेजी से पहुंच सकेंगे।