गीतों के राजकुमार प्रसिद्ध कवि व गीतकार नीरज की यादों में डूबे श्रोता
अनुदान सांस्कृतिक सेवा एवं जनकल्याण समिति की संगीत निशा में सदी के गीतगार गोपालदास नीरज के फिल्मी गीतों को गुनगुनाया

सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम।
गीतों के राजकुमार के रूप में लाखों भारतीयों के मन मस्तिष्क पर छाए रहे प्रसिद्ध कवि व गीतकार गोपाल दास नीरज के फिल्मी सफर को अनुनाद सांस्कृतिक सेवा एवं जनकल्याण समिति ने प्रस्तुत कर शहर के संगीत प्रेमियों को 'नीरज निशा' से सराबोर कर दिया। जन्मशती वर्ष में चार घंटे तक शहर के कलाकारों ने नीरज को संगीतमय श्रद्धांजलि दी। कोलकाता से आई सुप्रसिद्ध गायिका रत्ना दास के गीतों पर श्रोता झूम उठे।
गीत प्रस्तुत करती गायिका रत्नादास।
आठ दशकों तक गीतों के राजकुमार के रूप में लाखों भारतीयों के मन मस्तिष्क पर छाए रहे प्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज के फिल्मी सफर को पहली बार शहर में संगीतमय कार्यक्रम के रूप में अनुनाद संस्था ने पेश किया। ' कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे ' शीर्षक से आयोजित संगीत संध्या में वरिष्ठ रंगकर्मी ओमप्रकाश मिश्र, अवनि उपाध्याय , रिदम मिश्रा , नरेश यादव , टोनी बोरिया, विपिन जैन , मनोज जोशी, गणेश मिश्रा , प्रदीप पवार , सूरज बारवाल, मनोज जोशी, संजय चौधरी ने भी नीरज के गीतों की शानदार प्रस्तुति दी । नीरज की प्रमुख कविताओं का पाठ मयूर व्यास, रीता दीक्षित , संजय परसाई 'सरल' , परम जैन और जगदीश पाठक ने किया। संस्था के संरक्षक सुरेंद्र शर्मा (एडवोकेट), अध्यक्ष अजीत जैन सहित संगीत साधकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर उपस्थित रचना प्रेमियों ने अपने प्रिय कवि को याद करते हुए कहा कि रतलाम शहर से नीरजजी का विशेष नाता रहा है और वे यहां कई बार रचना पाठ करने के लिए रतलाम आए । शहर में उनके फिल्मी गीतों की संगीतमय प्रस्तुति होना सुखद है। अनुनाद संस्था ने नीरज की पुण्यतिथि पर यह आयोजन कर सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
सम्मानित किए गए वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रतन चौहान, रंगकर्मी कैलाश व्यास, हास्य कवि धमचक मुलथानी, रंगकर्मी यूसुफ़ जावेदी, शायर अब्दुल सलाम खोखर व गायिका रत्नादास।
वरिष्ठ रचनाकारों को किया सम्मानित
आयोजन में साहित्य सेवा के लिए अनुनाद संस्था द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रतन चौहान, रंगकर्मी कैलाश व्यास, हास्य कवि धमचक मुलथानी, रंगकर्मी यूसुफ़ जावेदी, शायर अब्दुल सलाम खोखर और संगीतकार महेश बैरागी, रमण हरोड़, चिंतन बैरागी का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन साहत्यिकार आशीष दशोत्तर ने किया। इस अवसर पर इंदौर से आए लेखक ललित भाटी, पत्रकार हेमंत भट्ट, एडवोकेट सरवर अली जैदी, संस्था के रतन कोल्हे, कुलदीप शर्मा, जयंत उपाध्याय, नरेंद्र सिंह शेखावत , रश्मि जैन, मीनाक्षी कौशल , नरेंद्र सिंह डोडिया , नरेंद्र त्रिवेदी , नरेंद्र सिंह पवार सहित शहर एवं शहर के बाहर से आए साहित्य एवं संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
सम्मानित किए गए संगीतकार महेश बैरागी, रमण हरोड़ व चितंन बैरागी तथा अन्य।
इन गीतों पर मुग्ध हुए श्रोता
मेघा छाए आधी रात , आज मदहोश हुआ जाए , खिलते हैं गुल यहां , ओ मेरी शर्मिली , दिल आज शायर है , ऐ भाई जरा देख के चलो , लिखे जो खत तुझे , कारवां गुजर गया , फूलों के रंग से , रंगीला रे , शोखियों में घोला जाए , बस यही अपराध , राधा ने माला जपी श्याम की , जीवन की बगिया महकेगी , चूड़ी नहीं ये मेरा दिल है गीतों पर श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए।