उम्र 70 वर्ष, हीमोग्लोबीन मात्र छह ग्राम, सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने व्यवस्था कर किया ऑपरेशन
0 डॉ. भरत निनामा ने मानव सेवा, संवेदनशीलता एवं उपचार की अनूठी मिसाल पेश 0 छह ग्राम था हीमोग्लोबिन, तीन बोतल ब्लड की व्यवस्था कराकर किया गया ऑपरेशन

✍आरिफ कुरैशी, सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम।
सरकारी अस्पतालों को कई लोग यह कहकर बदनाम करते है कि वहां रोगियों का ठीक से इलाज नहीं किया जाता, लेकिन ऐसा नहीं है। रतलाम के जिला अस्पताल में रोगियों को न केवल बेहतर इलाज दिया जाता बल्कि गंभीर व जटिल ऑपरेशान भी किए जाते है। इसका प्रमाण दो दिन पहले 70 वर्षीय गरीब महिला के कूल्हे की हड्डी का किया गया ऑपरेशन है। उक्त महिला की घर में गिरने से हड्डी टूट गई तथा उसका हीमोग्लोबिन मात्र छह ग्राम था। ऐसे में डॉक्टरों ने तीन बोतल ब्लड की व्यवस्था कर उनकी हड्डी का सफल ऑपरेशन किया।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने बताया कि जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत निनामा ने मानव सेवा, संवेदनशीलता एवं उपचार की अनूठी मिसाल पेश की है । जिले के सैलाना तहसील के ग्राम बोरदा निवासी 70 वर्षीय हीराबाई पत्नी उदिया घर में गिर गई थी, तथा उनसे चला नहीं जा रहा था। परिजन उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर आए थे। जांच में पता चला कि हीराबाई के दाये पैर के कूल्हे की हड्डी टूट गई है , जिसका ऑपरेशन करना जरूरी है। उन्हें भर्ती कर जांच की गई तो उनका हीमोग्लोबिन मात्र 6 ग्राम पाया गया। ऐसे में बड़े ऑपरेशन में जोखिम रहता है । परिजनों ने अपने स्तर पर खून की व्यवस्था का प्रयास किया लेकिन दो दिन तक इंतज़ार के बाद भी कोई परिजन व रिश्तेदार खून देने नहीं आया, तब परिवार की स्थिति को समझते हुये डॉ भरत निनामा ने ब्लड बैंक एवं अपने मित्रों से बात कर तीन यूनिट ब्लड की व्यवस्था करवाकर हीराबाई के ऑपरेशन के लिए व्यवस्था कराई। ब्लेड देने के बाद हीराबाई ऑपरेशन के लिए फिट हुईं ।
फिट होने के बाद किया गया ऑपरेशन
हीराबाई की उम्र ज्यादा होने के साथ ही उनका ब्लड प्रेशर भी ज्यादा था, ऐसे में बड़ा ऑपरेशन ऑपरेशन करना गंभीर एवं जटिल था , लेकिन अनुभवी एनस्थेटिस्ट डॉ महेश मौर्य ने जोखिम भरे ऑपरेशन के लिए एनस्थीसिया दिया और सर्जरी टीम के डा. भरत निनामा, डॉ. अभिनव जैन, डॉ. अभिनव अमन, डॉ. किंशुक जायसवाल ने सफल ऑपरेशन किया। इस दौरान ऑपरेशन रूम स्टॉफ का भी सराहनीय योगदान रहा। ऑपरेशन के बाद हीराबाई स्वस्थ एवं फिट है तथा वाकर की मदद से चलने भी लगी है। हीराबाई व उनके परिजनों ने सभी डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टॉफ, ओटी स्टॉफ को सेवा, सहयोग व सफल ऑपरेशन करने के लिए बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद दिया।
ब्लड की व्यवस्था कर किया गया ऑपरेशन
डा. भरत निनामा ने बताया कि चार दिन पहले हीराबाई को परिजन अस्पताल लेकर आए थे तथा बताया था कि वे घर में गिर गई थी। इस कारण चल नहीं पा रही है। जांच करने पर उनके दाये पैर के कूल्हे की हड्डी में फेक्चर होना पाया गया। उनका हेमोग्लोबिन भी बहुत कम था तथा उन्हें ब्लड प्रेशर भी रहता है। टीम ने मिलकर उनकी सेवा करने तथा उनका ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। उनके परिवार में कोई ब्लड देने वाला भी नहीं था, हमने ब्लड की व्यवस्था करने के बाद आयुष्मान योजना के तहत उनका सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपेरेशन के बाद हीराबाई व परिवार के लोग बहुत खुश है।