धोखाधडी कर शादी के 12 दिन बाद रुपए व जेवर लेकर भागी लुटेरी दुल्हन को तीन वर्ष की सजा
एक आरोपित की हो चुकी है मृत्यु, चार आरोपित फरार

✍सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम।
फर्जी शादी कर पति की आंख में मिर्ची झोंककर जेवर व रुपये लेकर भागने के मामले में लुटेरी दुल्हन 29 वर्षीय मोना पारिक पिता रामचन्द्र पारिक निवासी इंदौर हलमुक़ाम ग्राम कांकरा पोस्ट सटोला तहसील छोटी सादडी जिला प्रतापगढ (राजस्थान) को न्यायालय ने भादंवि की धारा 420 में तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आंकाक्षा गुप्ता ने सुनाया।
सहायक निदेशक अभियोजन आशा शाक्यवार ने बताया कि आरोपित ओमप्रकाश पिता रामलाल निवासी ग्राम पलसोडी हालमुक़ाम रहमत नगर रतलाम, हसीना बी पति आजाद खान निवासी बोजाली महिदपुर सिटी (उज्जैन) हालमुक़ाम जावरा व कचरू उर्फ कचरूलाल पिता भगीरथ राठौड़ निवासी ग्राम नगरा ने फरियादी मुकेश टांक निवासी ग्राम कांकरा को उसकी शादी नहीं होने से अपने जाल में फंसा कर उसकी शादी अपनी जान पहचान वाली अच्छी लडकी से कराने का भरोसा दिया था। कुछ समय बाद आरोपियों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर 5 अप्रैल 2016 को मुकेश की शादी मोना पारिक निवासी इन्दौर से करवाई थी। शादी के कुछ दिन बाद मुकेश 17 अप्रैल 2016 को मोना पारिक को बाइक पर बैठाकर इंदौर जाने के लिये अपनी मौसी कलाबाई टांक निवासी दीनदयालनगर के घर ले जा रहा था। तभी रास्ते मे दीनदयालनगर क्षेत्र में मोना पारिक ने मुकेश की आँखो मे मिर्ची पावडर डाल दिया था तथा तथा करीब एक लाख रुपये के जेवर व करीब दो लाख रुपये नगद लेकर एक कार में बैठकर भाग गई थी। इसके बाद मुकेश ने आरोपी कचरु , ओमप्रकाश, हसीना बी तथा मोना पारिक व उसके भाई राजेश पारिक की तलाश की लेकिव वे नही मिले। इस पर मुकेश ने पुलिस में शिकायत की थी। दीनदयाल नगर थाना पुलिस ने प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ फर्जी शादी करवाकर रुपये ठगने तथा धोखाधडी का प्रकरण धारा 420 में दर्ज किया गया था। जांच के दौरान प्रकरण में कचरू, ओमप्रकाश, हसीना व मोना के अन्य साथी शीला उर्फ छाया पति जगदीश निवासी सुदामा नगर सेक्टर ई इन्दौर हालमुक़ाम महेश गार्ड रोड इन्दौर, राजेश पिता रामचन्द्र पारिक निवासी लक्ष्मीपुराखेडा देवास व अभिषेक पिता गजेन्द्र सोनी निवासी देवास हाल मुकाम शिव सिटी राऊ निहालपुरा इन्दौर को भी आरोपी बनाया गया था। जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया था। न्यायालय ने दोषी पाए जाने पर मुख्य आरोपी मोना पारिक को दोषी पाकर सजा सुनाई। वहीं शीला के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं होने पर उसे दोषमुक्त किया गया। प्रकरण में शासन की ओर पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान ने की। चौहान ने बताया कि आरोपी कचरू की मृत्यु हो चुकी है तथा ओमप्रकाश, हसीना बी, अभिषेक व राजेश को फरार घोषित किया गया।