भारत-भारती की राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी सम्पन्न, एडवोकेट अदिति दवेसर संयोजक नियुक्त

आगामी वर्षों में ऐसी और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा

भारत-भारती की राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी सम्पन्न, एडवोकेट अदिति दवेसर संयोजक नियुक्त
गोष्ठी में उपस्थित  भारत-भारती के  राष्ट्रीय अध्यक्ष  विनय पतराले, समाजसेवी गुस्ताख़ अंकलेसरिया, एडवोकेट अदिति दवेसर व गणमान्य नागरिक

✍सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम।
 भारत-भारती संस्था द्वारा राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी रतलाम में आयोजित की गई। इस संगोष्ठी ने रतलाम की सांस्कृतिक भूमि पर   भावनात्मक क्षण रच दिया। संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतों से रतलाम में बसे नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस आयोजन ने विविधता में एकता के सजीव दर्शन कराए और एक नए सामाजिक संवाद की शुरुआत की।
     मुख्य अतिथि  भारत-भारती के  राष्ट्रीय अध्यक्ष  विनय पतराले  ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संगोष्ठी केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है। हम रतलाम को भारत का लघु रूप मानते हैं, जहां पंजाब का उत्साह, बंगाल की संवेदनशीलता, राजस्थान की सांस्कृतिक गरिमा और दक्षिण भारत की व्यावहारिकता एक साथ साकार हो रही हैं। भारत-भारती इसी भावना को सुदृढ़ करने का माध्यम है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता को केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय स्तर पर सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
समाजसेवी गुस्ताख अंकलेसरिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज जब देश विविधता की चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब ऐसे समय में यह एकता संगोष्ठी समाज में संवाद, सहिष्णुता और सशक्तिकरण का मंत्र लेकर आई है। हमें अपनी भाषा, वेशभूषा और परंपराओं को साझा करना चाहिए, ताकि हमारी जड़ें मजबूत हों और शाखाएं विश्व में फैल सकें।
अदिति दवेसर संयोजक  व प्रवीण रामावत सह-संयोजक नियुक्त
    गोष्ठी में  एडवोकेट अदिति दवेसर  को भारत-भारती की रतलाम शाखा का संयोजक नियुक्त किया गया। साथ ही  प्रवीण रामावत को सह-संयोजक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई। इस अवसर पर  विक्रम चौधरी, राकेश यादव,  राहुल सक्सेना,  विम्पी छाबड़ा, प्रवीणा दवेसर,  हितेश पाठक, किरण दीक्षित, विशाल चतुर्वेदी,  मीनाक्षी मलिक सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन रवींद्र उपाध्याय ने किया।
ताकि रतलाम जैसे शहर राष्ट्रीय एकता के आदर्श बन सकें
     कार्यक्रम के अंत में एडवोकेट अदिति दवेसर ने  अतिथियों,  उपस्थित नागरिकों तथा आयोजकों का धन्यवाद देते हुवे कहा कि यह केवल एक मंच नहीं था, यह हमारी भावनाओं का संगम था। मैं आप सभी का हृदय से धन्यवाद करती हूँ कि आपने इस एकता के पर्व को अपनी उपस्थिति से सार्थक बनाया। वक्ताओं ने जो विचार साझा किए, वे हमारे दिलों में राष्ट्रीय चेतना का दीप जला गए हैं।भारत-भारती ने जो बीज बोया है, वह निश्चित रूप से एकता और सौहार्द के विशाल वृक्ष में परिवर्तित होगा। आइए, हम सभी मिलकर इसे सींचें, इसे बचाएं और इसे हर दिल में रोपें। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंत में भारत-भारती की ओर से यह संकल्प लिया गया है कि आगामी वर्षों में ऐसी और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि रतलाम जैसे शहर राष्ट्रीय एकता के आदर्श बन सकें।