सौतेली मां की हत्या के आरोपित पुत्र को आजीवन कारावास की सजा
न्यायालय ने एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया

✍ सर्च इंडिया न्यूज़, रतलाम।
न्यायालय ने सौतेली मां की हत्या करने के मामले में उसके सौतेले पुत्र अभियुक्त निखिलेश कौशल निवासी पीएंडटी कालोनी को भादंवि की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक हजार रुपये के जुर्माना भी किया गया। फैसला सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने सुनाया।
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि 16 अगस्त 2023 को सुबह करीब 6.30 बजे पीएंडटी कॉलोनी निवासी निखिलेश कौशल ने पड़ोसी राजीव कौशल के घर जाकर उन्हें जगा कर बताया था कि मेरी मम्मी किचन में गिर गई है। इस पर राजीव ने जब निखिलेश के घर जाकर देखा तो मंजू कौशल जमीन पर गिरी हुई थी। फिर दोनों मंजू को ऑटो रिक्शा से जिला अस्पताल लेकर गए थे, जहां डॉ प्रणब मोदी ने परीक्षण कर मंजू को मृत घोषित किया था। वहीं मृतिका मंजू के गले पर नाखून के निशान पाए जाने पर अग्रिम कार्रवाई के लिए शव अस्पताल पुलिस चौकी के सुपुर्द कर चौकी पर तहरीर भेजी थी। इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने मर्ग पंजीकृत कर मर्ग जांच प्रारंभ की थी। जांच के दौरान पुलिस ने मृतिका मंजू की पुत्री व अन्य साक्षीगण के कथन लिए । सभी ने कथनों में बताया था कि आरोपित निखिलेश व मृतिका मंजू कौशल एक साथ एक ही घर में निवास करते थे और उनमें झगड़ा होता रहता था। निखिलेश की पत्नी के मायके चले जाने से निखिलेश सौतेली मां मंजू से झगड़ा करता था। उधर, पुलिस ने मेडिकल कॉलेज फोरेंसिक विभाग से पुलिस को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतिका मंजू का गला दबाने से श्वास रोध होना पाया गया। पुलिस ने जांच में भी आरोपित निखिलेश द्वारा ही उसकी सौतेली मां मंजू कौशल की पारिवारिक झगड़े में गला दबाकर हत्या करना पाए जाने पर अभियुक्त निखिलेश के विरुद्ध धारा 302 में प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने विवेचना के बाद अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से सात साक्ष्यों के कथन कराए गए। साक्षियों ने न्यायालय में बताया कि निखिलेश की पत्नी पूजा का झगड़ा उसकी मां के साथ हुआ था। इस कारण निखिलेश की पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई थी। उसके बाद वह वापस नहीं आई थी। साक्षियों ने यह भी बताया कि अंतिम संस्कार के समय भी मृतिका मंजू के गले में नाखून के निशान दिख रहे थे। पीएमकर्ता डॉ. एसएन हुसैन ने न्यायालय में बताया कि पीएम के दौरान मृतिका मंजू के गले पर बाहरी एवं आंतरिक चोटे थी।
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि घटना का कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था, न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कड़ी को आधार माना की मृतिका मंजू व आरोपी निखिलेश एक ही मकान में एक साथ निवास करते थे, घटना के समय मकान में केवल दोनों ही थे। मृतिका के गले में निशान थे, दम घुटने से मृत्यु हुई थी। मृतिका की अन्य किसी से रंजिश नहीं थी। घर में विवाद होता था, मृत्यु के संबंध में निखिलेश ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया" इससे यह दर्शित होता है कि आरोपी निखिलेश ही दोषी है। प्रखंड में शासन की तरफ से फिर भी लोग अभियोजक समरथ पाटीदार ने की।