अच्छे इंसानों से ही अच्छा देश बनता है, नौकरी मिलेगी ही, यह सोच कर न पढ़े
-मुस्लिम स्टूटेंड एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह में प्रो. रियाज़ एहमद मंसूरी ने कहा

आरिफ कुरैशी,
सर्च इंडिया न्यूज, रतलाम ।
केवल पढ़ाई को नौकरी का हिस्सा मत मानिए, ऊंचाइयों पर वे ही जाते है, जो मेहनत करते है। नौकरी मिलेगी ही, यह सोच कर न पढ़े। पढ़ने से व्यक्ति अच्छा इंसान बनता है। अच्छे शहर की शुरुआत अच्छे इंसानों से होती है और अच्छे इंसानों से ही अच्छा देश बनता है।
यह बात मुस्लिम स्टूटेंड एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा ऋतुवन हॉल में आयोजित मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह-2025 को संबोधित करते मुख्य अतिथि अतिथि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय) के प्रोफेसर डा. रियाज़ एहमद मंसूरी ने कही। उन्होंने कहा कि दसवीं व बारहवीं पास करना अभी मुकाम नहीं हैं। अभी तो जीवन बनाने की शुरूआत हुई है। मेहनत क्या होती है, वो तो अब शुरू होगी। ऊंचाइयोँ को छूना है तो, रातों की नींद खराब करना होगी। दसवीं पास बच्चों के लिए विषय चुनने का अवसर है कि वे किस क्षेत्र में आगे जाना चाहता है। जो 12वीं पास कर चुके है, उनके लिए तय करना है कि उन्हें क्या बनना है। किसी को इंजीनियर, डाक्टर, वकील, शिक्षक तो किसी को कुछ और बनना है। आगे बढ़ना है तो, चार-पांच साल सबकुछ भुलकर टारगेट हासिल करने के लिए 10 से 12 घंटे पढ़ाई ही करना है और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना है। प्रारंभ में सोसायटी के अध्यक्ष इश्हाक खान पठान, संयोजक इकबाल एहमद कुरैशी, पदाधिकारी लियाकत अली खान, अब्दुल अजीज खान, मोहम्मद सलीम खान, अशफाक एहमद कुरैशी, शकील एहमद सिद्दीकी, जुनैद अख्तर, शहनवाज खान, आदिल खान, समीर खान आदि ने अथितिथों का स्वागत किया। समारोह में समाजसेवी रईस मेव, आसिफ कुरैशी, असलम क़ुरैशी, पत्रकार सिराज खान, समीर खान आदि भी उपस्थित थे। संचालन शिक्षक मोहम्मद सलीम खान (बेटमा) ने किया। आभार सोसायटी से सहायक सचिव अशफाक एहमद कुरैशी ने माना।
समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राएं, उनके परिजन व अन्य।
शिक्षा का रास्ता ही ला सकता है जीवन में बदलाव
समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) धर्मेंद्रसिंह हाड़ा ने कहा कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने दे, शिक्षा ही ऐसा रास्ता व नुस्खा है, जो हर बच्चे के जीवन में बदलाव ला सकता है। बच्चों को अपने परिवार, माता-पिता की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हुए परिवार, शहर, प्रदेश व देश का नाम रोशन करना होगा। हर समाज की संस्थाएं अपने होनहार बच्चों के लिए इस तरह के सम्मान समारोह आयोजित करें। ऐसे कार्यक्रम कर बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे तो वो दिन दूर नहीं होगा कि किसी भी समाज में बच्चे अनपढ़ रह जाए। कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले विद्यार्थियों के बैंक खातों में 25-25 हजार रुपये आ गए होंगे, क्योंकि शासन ने ट्रांसफर कर दिए है, यदि किसी के खाते में नहीं आए तो वो डीईओ आफिस में शिकायत करें। शासन द्वारा विद्यार्थियों को पुरस्कार स्वरूप राशि देना इस बात का संकेत है कि हमारी सरकार आपके लिए किसनी जागरूत है और वहां कोई मजहब, जाति का बंधन नहीं है। बस एक ही कंडीशन है कि कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लेकर आए।
तालीम के साथ तरबीयत जरूरी
विशेष अतिथि समाजसेवी मोहम्मद परवेज निखार ने कहा कि बच्चों को उच्च शिक्षा तालीम हासिल करना चाहिए। तालीम के साथ तरबीयत (संस्कार) भी जरूरी है। माता-पिता, टीचर, दोस्तों व अन्य लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना है, यह भी सीखना होगा। हमारा मिशन हो कि गरीब को भी तालीम दें। तभी हम कामयाब इंसान बन सकते है। अच्छा इंसान बनने के लिए तालीम पाना जरूरी है। केवल नौकरी पाना है, यह सोच कर तालीम हासील न करें। हम यह सोचकर भी अच्छी तालीम हासिल करें कि अच्छे इंसान बनकर देश की तरक्की के लिए क्या कर सकते है। मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री बनाए गए, क्योंकि उन्होंने अच्छी तालीम हासिल की थी। डा.एपीजे अब्दुल कलाम को हमने दस साल तक राष्ट्रपति के पद पर देखा, इसिलए क्योंकि वे उच्च शिक्षित थे तथा उनके पास हुनर था, उन्होंने मिशाइल बनाई थी, इसलिए उन्हें मिशाइलमैन कहा जाता है। दसवीं-बारहवीं के किस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते, इसके लिए मार्गर्दशन चाहिए तो हमारे पास टीम है, सोसायटी से संपर्क करें, आपकों मार्गर्दशन दिया जाएगा। यदि कोई गरीब बच्चा रुपयों के अभाव में बीच में पढ़ाई छोड़ रहा है तो वह ऐसा न करें। हमसे संपर्क करें, उसकी फीस भरने इंतजाम हम करेंगे।
छात्रा का सम्मान करते अतिथि व सोसायटी सदस्य।
यूपीएससी पास जावेद मेव सहित
200 मेधावी विद्यार्थी सम्मानित
10वीं व 12वीं में 75 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक लाने वाले 197 विद्यार्थियों को मुस्लिम स्टूडेंट एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी की तरफ से अतिथियों ने शील्ड, प्रमाण-पत्र व गिफ्ट देकर सम्मानित किया। साथ ही इस वर्ष यूपीएससी क्रेक कर शहर का नाम रोशन करने वाले जावेद मेव की जगह उनके छोटे भाई अजहर मेव का सम्मान किया गया। जावेद मेव दिल्ली में होने से कार्यक्रम में नहीं आ पाए। वहीं नीट परीक्षा देकर बीएचएमएस में प्रवेश करने वाली बहनों अक्शा कुरैशी व उमेजा कुरैशी को भी सम्मानित किया गया। रिटायर्ड प्राचार्य (इंदौर) मोहम्मद युनूस खान ने कहा कि किस क्षेत्र में आगे जाना है, उसके लिए टारगेट लेकर पढ़े। यूपीएससी की तैयारी कर रही राहेल खान ने बच्चों को यूपीएसी के महत्व व उसकी तैयारियों के संबंध में जानकारी दी।
पढ़ाई व यूपीएससी के बारे में जानकारी देती छात्रा राहेला खान।
सोशल मीडिया की जिंदगी दिखावे की है, असल
नहीं, कुछ करना है तो पढ़ना होगा
यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा राहेला खान ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया था कि देश में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति अन्य समुदायों की तुलना में काफी पिछड़ी हुई है। आज हम हर क्षेत्र में पीछे है, जिसका मुख्य कारण है कि हम बेटियों पर भरोसा नहीं करते। उन्हें आगे नहीं बढ़ने देते, अधिकांश परिवारों में बेटियों को केवल घर के कामकाजों में सीमित रखा जाता है। यहां बेटियों की भी कुछ जिम्मेदारी है, बच्चों को यह समझना होगा कि दुनिया की जो चकाचौंध हैं, जो सोशल मीडिया की दिखावे की जिंदगी है, वो असल में जिंदगी नहीं है। सच में कामयाबी चाहिए, कुछ बदलाव लाना चाहते हैं, समाज के लिए कुछ करना हैं तो, आपको पढ़ना होगा तभी कुछ चेंज ला सकते हैं। उन्होंने यूपीएसी व उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई बार यह भी सोचा जाता है कि सीविल सर्विसेज ही क्यों? कोई और फिल्ड क्यों नहीं? मिसइलमैन डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि देश में कुछ बदलाव लाना है तो शिकायत मत कीजिए, उस व्यवस्था का हिस्सा बनिए, जो वास्तव में बदलाव ला सकती है। इसलिए मैने यूपीएससी करने का कैरियर चुना, जो यह बताता है कि हामरे देश में सीविल सर्विसेज की क्या इंर्पोटेंस है। यूपीएससी एक संस्था है जो हल साल सीविल सर्विसेज की परीक्षा करता है इसके जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) भारतीय पुलिस सेना (आइपीएस), इंडियन फारेन सर्विस (आइएफएस ) आदि के लिए भर्ती होती है। इसकी परीक्षा पास करने के लिए इकानामिक्स, पोलीटिक्स, भूगोल, इतिहास, अंग्रेजी आदि विषय पढ़ना है। साथ ही न्यूज पेपर जरूर पढ़े, इससे दुनिया का काफी ज्ञान मिलेगा। न्यूज पेपर से मिला ज्ञान केवल परीक्षा में ही काम नहीं आता बल्कि वह एक मजबूत नागरिक बनने में भी मदद करता है। जो भी पढ़ना है और करना है, उसके लिए केवल टारगेट तय कर करें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।